
Hanuman Jayanti 2025
Hanuman Jayanti 2025: भगवान हनुमान हर आयु वर्ग के युवाओं के लोगों के श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक के केंद्र हैं। प्रभु श्री राम के भक्त भगवान श्री हनुमान को कौन नहीं जानता । जिसे हम सब हनुमान जयंती के रूप में हर वर्ष चैत्र मास के पूर्णिमा को मनाई जाती है। कुछ क्षेत्रों में इसे हनुमान जन्माष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
यह दिन हिंदू धर्म के अत्यंत शुभ और पावन दिनों में माना जाता है, जब करोड़ों श्रद्धालु श्री बजरंगबली की पूजा अर्चना करते हैं और देशभर के मंदिरों में उनके दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। उनकी भक्ति में लीन होकर श्रद्धालु उन्हें अपने भक्ति से प्रसन्न करना चाहते हैं यह दिन उन भक्तों के लिए विशेष होता है। जो अपने जीवन में संकटों, मानसिक तनाव, दुख और दरिद्रता से छुटकारा पाना चाहते हैं भगवान हनुमान को “संकटमोचन” कहा गया है, जो की वो सभी प्रकार के दुख दरिद्र कष्ट और पीड़ा को हर लेते हैं ।
उनकी भक्ति कृपा से सुख, शांति, ऐश्वर्य ,तेज, भक्ति, साहस और आत्मबल प्राप्त होता है। जो भी सच्चे मन से बजरंगबली की शरण में आता है, उसका जीवन सफल हो जाता है।
हनुमान जयंती 2025 सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मबल और भक्ति का संगम है। इस दिन हनुमान जी से प्रेरणा लेकर हमें अपने जीवन में भी सेवा, समर्पण और शक्ति के गुणों को अपनाना चाहिए।
हनुमान जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
अगर हम भगवान हनुमान जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त की बात कर तो इस वर्ष 12 अप्रैल 2025 शनिवार से लेकर 13 अप्रैल 2025 रविवार तक मनाया जाएगा यह पर्व चैत्र मास के पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा समय की बात कर तो पूजा का सर्वोत्तम समय 12 अप्रैल 2025 को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 6:00 से लेकर 8:00 तक है वहीं 13 अप्रैल को भी रात पूजा संभव है लेकिन, अधिकतर पूजा पूर्णिमा सूर्योदय के अनुसार यानी 13 अप्रैल 25 को ही की जाएगी । इस समय हनुमान जी की पूजा में विशेष फल प्राप्त होता है.
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(Date) तारीख: 12 अप्रैल 2025 (रविवार)
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(Purnima Tithi Begins) पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल 2025, रात 09:08 बजे
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(Purnima Tithi Ends) पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल 2025, रात 10:40 बजे
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(Best Time for Pooja) पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय: प्रातः 6:00 से 8:00 बजे तक (ब्राह्म मुहूर्त)
हनुमान जयंती 2025 की तिथि , Hanuman Jayanti 2025
तारीख: 12 अप्रैल 2025 (रविवार)
दिन: चैत्र मास की पूर्णिमा
पर्व: हनुमान जयंती
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हनुमान जयंती पूजा विधि (Simple Pooja Vidhi)
हनुमान जयंती पूजा विधि , कैसे करें हनुमान जी की पूजा? भारत जैसे विशाल देश में करोड़ों भक्त भगवान हनुमान की पूजा करते हैं और उनमें अटूट आस्था रखते हैं। भगवान हनुमान की कोई विशेस पूजा विधि नहीं है , वे बस अपने भक्तों के प्रेम, लगाव , समर्पण से प्रसन्न होते हैं। फिर भी, कुछ चीजें और पूजा की कुछ विधियां हैं जिन्हें हमें इस पवित्र दिन पर ध्यान में रखना चाहिए।
सुबह अच्छे से स्नान करने के बाद हमें साफ और ताजे कपड़े पहनने चाहिए। हो सके तो लाल कपड़े पहनें क्योंकि भगवान हनुमान को लाल चीजें अधिक पसंद हैं। उसके बाद पूजा स्थल को साफ कर लें। अपने सामने भगवान हनुमान की मूर्ति या तस्वीर रखें। उस पर थोड़ा सा सिंदूर, चमेली का तेल, तुलसी का पत्ता और लाल फूल रखें।
एक आसन पर बैठने के बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। उसके बाद जैस हरी राम राम का 108 बार जाप करे , आप प्रसाद के रूप में गुड़, चना और लड्डू चढ़ा सकते है । आरती करें और परिवार के साथ भगवान का आशीर्वाद लें। इस भक्ति के साथ, आप आसानी से भगवान हनुमान की पूजा कर सकते हैं।
हनुमान जयंती पूजा विधि , कैसे करें हनुमान जी की पूजा?
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सुबह स्नान करके साफ लाल वस्त्र पहनें
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पूजा स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखें
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उन्हें सिंदूर, चमेली का तेल, तुलसी पत्ता और लाल फूल अर्पित करें
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हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें
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प्रसाद में गुड़, चना और केला अर्पित करें
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आरती करें और परिवार सहित प्रभु का आशीर्वाद लें
दुख-कष्टों से मुक्ति के उपाय (Spiritual Remedies)
उपाय | लाभ |
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हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ | मानसिक तनाव और भय दूर होता है |
सुंदरकांड का पाठ | जीवन में ऊर्जा और उत्साह आता है |
हनुमान मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाना | शनि दोष और बाधाएं दूर होती हैं |
लाल ध्वजा अर्पित करना | कार्यों में सफलता मिलती है |

हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है?
हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है? आप अपने आराध्य भगवान श्री हनुमान का पावन पर्व अपनी श्रद्धा, समर्पण और प्रेम से मना सकते हैं। आप भगवान हनुमान से सरल तरीके से प्रश्न पूछ सकते हैं। आपको बस कुछ फूलों और कुछ मिठाइयों की आवश्यकता होगी। सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान को फूल चढ़ाएं, सिंदूर लगाएं, मिठाई का भोग लगाएं, फिर धूपबत्ती और दीप जलाएं, सुंदरकांड हनुमान चालीसा का पाठ करें, अपने परिवार और प्रियजनों के साथ आरती करें, राम नाम का जाप करें और उनकी पूजा करें।
इस पवित्र दिन पर आप निर्जल व्रत रख सकते हैं, फल खा सकते हैं, गरीबों को भोजन करा सकते हैं, कपड़े बांट सकते हैं और भोज का आयोजन कर सकते हैं।
गतिविधि | विवरण |
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पूजा-पाठ | हनुमान जी की प्रतिमा को चंदन, फूल, सिंदूर व तुलसी से सजाया जाता है |
हनुमान चालीसा | भक्त एक साथ बैठकर पाठ करते हैं |
सुंदरकांड | रामायण का यह अध्याय विशेष रूप से पढ़ा जाता है |
भंडारा | प्रसाद वितरण व गरीबों को भोजन कराया जाता है |
उपवास | श्रद्धालु पूरे दिन व्रत रखते हैं |
हनुमान जयंती का महत्व
हनुमान जयंती का महत्व :- भगवान श्रीराम के परम भक्त, श्री हनुमान जी हजारों वर्षों से युवाओं और करोड़ों श्रद्धालुओं के आदर्श बने रहे हैं। वे ना सिर्फ एक महाशक्ति शाली भक्त है , बल्कि वे धर्म, सेवा, समर्पण और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं।
हर दिन करोड़ों लोग उनकी पूजा, जप और साधना ,आराधना करते हैं, और उन्हें अपना आदर्श और प्रेरणा स्रोत मानते हैं। हनुमान जी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति, निःस्वार्थ सेवा और संपूर्ण समर्पण से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। चाहे कोई भी परिस्थिति हो हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए
वे हिंदू धर्म में शक्ति, वीरता और आज्ञा पालन के प्रतीक हैं। उनकी भक्ति करने वाला कभी अकेला नहीं पाते अपने आपको – संकट चाहे जैसा भी हो, “संकटमोचन हनुमान” हर परिस्थिति में अपने भक्तों के साथ खड़े रहते हैं।
हनुमान जी को अजर-अमर, बल, बुद्धि, भक्ति और सेवा का प्रतीक माना जाता है। उनका जन्म पृथ्वी पर धर्म की रक्षा और श्रीराम की सेवा के लिए हुआ था। हनुमान जयंती पर भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में पूजा करते हैं और हनुमान चालीसा, सुंदरकांड आदि का पाठ करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई सच्ची भक्ति से भय, कष्ट और दुर्भाग्य दूर होते हैं।
हनुमान जयंती पर क्या करें?
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हनुमान मंदिर जाकर पूजन करें
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घर में हनुमान चालीसा का पाठ करें
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जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें
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नकारात्मक विचारों से दूर रहकर सेवा और भक्ति करें